FIRST AIDS & HOMEOPATHY

Tuesday, August 4, 2009



  1. होमियोपैथिक फर्स्ट एड बाँक्स आप अपने पास रख सकते है, जब भी आपको जरुरत हो आप तुरंत इसका उपयोग कर सकते हैं छोटे छोटे बच्चों के साथ अक्सर कुछ न कुछ तकलीफें होती रहती है, खेलते समय छिल जाना, गिर पड़ना, कट जाना , जल जाना , अचानक पेटदर्द उठना आदि बहुत ही आम घटनायें हैं । कहीं बाहर यात्रा पर जाना हो तो समझ मे नहीं आता की यात्रा के दौरान आकस्मिक घटनायें होने पर क्या किया जाये।
यहाँ कुछ दवाओं का लिस्ट दिया जा रहा हैं जिसे घर मे रख कर, यात्रा मे साथ रखकर आप आकस्मिक दुर्घटनाओं को कुछ हद तक तनाव रहित बना सकते हैं।




1) आर्निका 200 :- किसी तरह के भी चोट शरीर मे कहीं भी लगने पर प्रथम दवा यह है। चोट वाली जगह मे सूजन हो जाना, स्थान का नीला पड़ जाना, बेतरह कुचलने जैसा दर्द। आक्रान्त स्थान पर आर्निका मलहम की हल्के हल्के मालिस दर्द से फौरन आराम देता है। किसी भी दुर्घटना होने पर यह सबसे प्रथम दवा है जिसे तत्काल दो बूंद जीभ पर (दुर्घटना के तुरंत बाद) देकर आप इसका जादू जैसा असर देखेगें। आर्निका के संबंध में मै एक सच्ची घटना का जिक्र करना चाहुगाँ, जो कि मेरे स्वंय पर दस वर्ष पहले घटी थी। रात्रि के साढे दस के लगभग मैं मोटर साईकिल से प्लांट से घर आ रहा था कि कुछ बदमासों ने लूटपाट के नीयत से मेरा मोटर साईकिल रोकने की कोशिश किया जिससे मै वहीं गिर गया। कुछ मुझे बेरहमी से पीटने लगे , किसी तरह मैं वहाँ से भागकर घर आया। आते ही आर्निका 1000 का दो बूँद जीभ पर ले लिया। नींद आ गई थी शुबह दर्द का कोई अहसास नहीं था हालांकि शरीर पर कई जगह सूजन था जो कि दो तीन खुराको मे ठीक हो गया। इस तरह दुर्घटना और चोट लगने पर आर्निका के आश्चर्यजनक असर का ढेर सारे अनुभव है।





2) कैलेन्डूला 200 :- किसी भी तरह के चोट के कारण छिल जाना, कट जाना, कटे फटे घाव, आक्रान्त स्थान पर कैलेन्डुला Q या मलहम लगाने से तत्काल आराम आयेगा। आर्निका के बाद दुसरी महत्वपूर्ण दवा कैलेण्डुला है। शरीर के किसी भाग में किसी कारण कट जाना, छिल जाना मे इसका बाहरी प्रयोग के साथ ही आन्तरिक प्रयोग काफी लाभकारी है। किसी बड़े घाव फोड़े आदि को भी इसके लोशन (एक भाग कैलेण्डुला मदर टिंक्चर और तीन भाग पानी मिलाकर लोशन बनायें) से धोकर इसका मलहम लगायें।


3) कैन्थरिस 200 :- घर में या यात्रा मे रखी जाने बाली तीसरी महत्वपूर्ण दवा कैन्थरिस है। किसी भी तरह से शरीर का कोई अंग जल जाने पर यह अमृततुल्य है। आक्रान्त स्थान पर कैन्थरिस Q या मलहम लगाये तत्काल आराम आयेगा। बाहरी प्रयोग के साथ इसकी 2-2 बून्दें जीभ पर प्रत्येक 4-4 घंटे पर दें, सुजन नहीं होगा जलन मे तुरंत राहत मिलेगा।





4) एपिस मेल 200 :- मधुमक्खी/ तत्तैया/ हड्डा आदि काटने पर मुख्य दवा। काटने के तुरन्त बाद इसकी 2 बुन्दे जीभ पर दे दें, सूजन नहीं होगी और दर्द में भी तत्काल आराम आ जायेगा।



5) लीडम पाल 200 :- किसी भी तरह के कीड़े काट खाने पर , कोई नुकीली सुई, कील आदि गड़ जाने पर इससे जबरदस्त लाभ होगा।





6) ग्लोनाईन 30/200 : तेज सिर दर्द विशेषकर धूप में निकलने पर, लू लगने की इसकी 2-2 बुन्दे हर 15-15 मिनट पर तीन चार खुराकें दे दें और इसका आश्चर्यजनक लाभ मिलेगा। डाक्टर के पास जाने की जरुरत ही नहीं होगी। धूप या गर्मी मे निकलने पर जो सिरदर्द होता है वह असहनीय होता है, ग्लोनाईन की कुछ बुन्दें आपको तत्काल राहत दे देगा।





7) रसटक्स 200 : किसी ऊचें नीचे पर पैर पड़कर मोच आ जाने पर बहुत दर्द होता है, चलना फिरना मुश्किल हो जाता है। कभी कभी फिसल कर गिर पड़ने से मोच आ जाती है, कमर में दर्द हो जाता है। इसका मलहम मालिश कर दें और इसकी 2-2 बुन्दे तीन तीन घंटे पर चार खुराकें दें आशातीत लाभ होगा।





फर्स्ट एड बाक्स मे इस तरह निन्म दवायें होगी आर्निका200, कैलेण्डुला-200, कैन्थरिस-200 , एपिस-200, लीडम-200, ग्लोनाईन-200, रसटक्स-200, का एक एक ड्राम और आर्निका, कैलेण्डुला, कैन्थरिस, रसटक्स का मलहम एक-एक टयुब रख कर किसी भी दुर्घटना की स्थिति को आप अनावश्यक तनाव के बिना हल कर सकते है। कुल खर्च करीब 125/- रुपये के (लगभग) ।घर मे भी बच्चों के साथ हमेशा कुछ न कुछ चोट लगने, कट छील जाने, जलने, मोच आने की घटना होते रहता है। इस स्थिति को घर की महिलायें बड़ी आसानी से हैंडिल कर सकती है।






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