आजकल बरसात का मौसम है। विभिन्न प्रकार कि कीड़े, उड़ते रहते है और कभी कभी काट भी लेते है। विभिन्न प्रकार की चींटियॉ भी काट खाती है। इनके काटने से काफी जलन होता है। आक्रांत स्थान पर काफी सूजन हो जाती है। मधुमक्खियाँ भी बड़े जोर से काट खाती है और यह कभी कभी खतरनाक भी होता है। कुछ कीड़ों का डंक सूजन के साथ साथ काफी जलन और बेचैनी पैदा करने वाला होता है जिसका सही समय पर इलाज आवश्यक है।
बाजार मे मिलने बाली कीड़ों के काटने की दवा से तुरंत आराम नही मिल पाता है, कभी कभी डाक्टर से सलाह लेना आवशयक हो जाता है।
होम्योपैथिक का सौभाग्य है कि इसके पास इसकी कई दवाईयाँ उपलब्ध है जो कि आक्रान्त व्यक्ति को तत्काल लाभ पहुँचाता है।
प्रथम दवा लीडम पैलेस्टर (Ledum Pailester) है, इसकी 200C पोटेन्सी की दवा बाजार से लाकर कर रख लें। कीड़ों, मच्छरों , मधुमक्खियों और उड़ने वाले कई परिचित – अपरिचित कीट - पतंगों के काटने से उत्पन्न उपसर्ग जैसे आक्रान्त स्थान के चारो ओर सूजन हो जाना, काफी जलन और बेचैनी होना आदि लक्षणों में इस दवा का प्रयोग तत्काल आराम देता है, सुजन में भी जल्दी राहत देता है। यह Allergic लोगों पर भी समान रुप से लाभकारी है।
2-2 बुन्द दवा 2-2 घटें के अतंराल पर दो खुराक आक्रान्त व्यक्ति के जीभ पर गिरा दे।
दुसरी दवा एपिस मेल (APIS MEL) जब डंक का स्थान छूने मे गर्म और सूजन पानी भरा हुआ लगता है, जलन और बेचैनी भी हो तो लीडम के स्थान पर एपिस देना ज्यादा अच्छा होगा।
कीड़ों के काटने पर लीडम और एपिस का दो – दो खुराक बना कर एक के बाद दुसरा एक –एक घंटे के अंतराल दें ।
जब डंक किसी जहरीले कीड़े का हो और डंक वाला जगह लाल और काफी गर्म हो, डंक के कारण ज्वर आ गया हो, बेचैनी हो तो बेलाडोना 30/200 की दो खुराकें काफी लाभप्रद होगा।
इस तरह बरसात मे कोई कीड़ा काट खाये तो घबड़ाये नहीं उपरोक्त दवायें आजमायें ।
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